भारत डोगरा आधुनिक समाज में अनेक स्तरों पर जटिलताएं बढ़ रही हैं। तकनीकी बदलाव तेजी से हो रहे हैं, और सामान्य जनजीवन पर उनका असर बड़े स्तर पर हो रहा है। मोबाइल फोन और सोशल मीडिया को ही लें तो इनका बहुत व्यापक असर हुआ है। दैनिक जीवन को हमने कई स्तरों पर कम समय […]
दक्षेस से भारत को सतर्क रहने की जरूरत
डॉ. ब्रह्मदीप अलूने महाशक्तियों की राजनीतिक और आर्थिक महत्त्वाकांक्षाओं ने तीसरी दुनिया के उभरने की संभावनाओं को सुनियोजित तरीके से खत्म कर दिया है। इसका प्रतिबिंब है दक्षिण एशिया और इन देशों का क्षेत्रीय संगठन दक्षेस जिसे सार्क भी कहा जाता है। अमेरिकी प्रभाव में पाकिस्तान की जमीन का सैन्य कार्यों के लिए उपयोग और […]
एक अच्छे, भले और नेक प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह
हरिशंकर व्यास शीर्षक चौंका सकता है। पर जरा समकालीन भारत अनुभवों और उनकी दिशा में झांके तो अगले बीस-पच्चीस वर्षों की क्या भारत संभावना दिखेगी? भारत पिछले दस वर्षों की विरासत में कदम उठाता हुआ होगा। इस विरासत का मंत्र और अनुभव बुद्धि नहीं लाठी है। हार्वर्ड नहीं हार्डवर्क है। सत्य नहीं झूठ है। सौम्यता […]
बिजली चोरी या फिर अवैध निर्माण जवाबदेही तय हो
रोहित कौशिक इस समय उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर बिजली विभाग किसी भी रूप से बिजली चोरी करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। अतिक्रमण करने और अवैध कब्जा करने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई कर अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। निश्चित रूप से समाज में संदेश जाना […]
अंडे अहिंसक व शाकाहारी कैसे ?
रजनीश कपूर विज्ञापन जगत ने आम जनता के मन में एक बात बिठा दी है कि अंडे शाकाहारी नहीं हैं। अंडे का उपयोग बढ़ाने के लिए इसे प्रोटीन का बढिय़ा स्रेत बताया जाता है। प्रोटीन की मात्रा बहुत सारी शाकाहारी चीजों में भी काफी ज्यादा है पर इस विवाद में नहीं भी पड़ा जाए तो […]
देवेन्द्र यादव चुनावी तैयारी में कहीं आगे निकल चुके
अनिल चतुर्वेदी दिल्ली में सरकार किसकी बनती है और कौन बनता है दिल्ली का सीएम यह तो बाद की बातें हैं लेकिन सच तो यह भी है कि कांग्रेस या भाजपा में नेता इस मक़सद से तो टिकट की माँग भी नहीं कर रहे और न ही हिम्मत जुटा पा रहे हैं पर हाँ यह […]
नदी जोड़ो अभियान, एक सदी का सपना
भूपेन्द्र गुप्ता नदी जोड़ो अभियान आज चर्चा का विषय है। इसका श्रेय सभी पार्टियों लेने की कोशिश भी करती हैं लेकिन इन परियोजनाओं का इतिहास 100साल से भी अधिक पुराना है।इस इतिहास को जानकर यह समझा जा सकता है कि सपनों के फलीभूत होने में सैकड़ों साल की तपस्या शामिल होती है ।इसमें कोई एक […]
मोदी-शाह राज में सब मुमकिन
हरिशंकर व्यास इस सप्ताह नीतीश कुमार को भारत रत्न देने का कयास सुना तो वही उद्धव ठाकरे ने सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की। जबकि सरकार ने सर्वत्र अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर का कीर्तन बनाया हुआ है। तो क्यों नहीं मोदी सरकार अपने दिल में बसे डॉ. भीमराव अंबेडकर को दिखाने के लिए इस […]
उस्ताद जाकिर हुसैन अपने प्रशंसकों को आह भरता छोड़ गए
आलोक पराडक़र उस्ताद जाकिर हुसैन को भारतीय शास्त्रीय संगीत का सुपरस्टॉर कहना गलत न होगा। साधक तो वे तबला के थे, जिसे मुख्यत: संगत वाद्य ही माना गया है, लेकिन उनकी लोकप्रियता सब पर भारी थी। वे भारतीय शास्त्रीय संगीत के संभवत: सर्वाधिक पारिश्रमिक लेने वाले कलाकार थे, उनके कार्यक्रमों के लिए आयोजकों को लंबा […]
हर जगह कुम्भ के मेले जैसा नजारा
श्रुति व्यास घूमने के सारे ठिकाने, पर्यटन स्थल चाहे कितने ही मनमोहक क्यों न हों, वहां कुंभ की रेलमपेल मची रहती है। जबकि छुट्टियों का एक मकसद भीड़-भाड़ से दूर जाना भी होता है। भारत भर में पूरे साल हर तरह के पर्यटन स्थल-बीच हों या पहाड़, तीर्थ हो या नेशनल पार्क-हमेशा बुक रहते हैं। […]